अक्सर देखा जाता है कि विधायकों और सांसदों पर आपराधिक मामले काफी लंबे वक्त तक लंबित रहते हैं. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट इन मामलों के जल्द निपटारे की तैयारी कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों पर लंबित आपराधिक मामलों को लेकर हाईकोर्ट से डेटा मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सांसद और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका में आदेश पारित किया है. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को 2 दिनों के अंदर भ्रष्टाचार और अन्य गैर-आईपीसी अपराधों के लंबित मामलों पर डेटा सौंपने के लिए कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने दागी विधायकों और सासंदों को जिंदगीभर चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते में जवाब मांगा है. वहीं मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि देश में विधायकों और सांसदों के खिलाफ करीब 4 हजार से भी ज्यादा मामले लंबित हैं.
प्रतिबंध लगाने की मांग
इस मामले में याचिकाकर्ता वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सांसदों और विधायकों को गंभीर अपराध के मामलों में किसी तरह का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर विधानसभा या संसद को दागी विधायकों या सांसदों को चार्जशीट के बाद प्रतिबंधित कर देना चाहिए.